भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भोलू / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:24, 10 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |संग्रह=मेरे प्रिय बालगीत / रमेश तैल…)
भोलू से पूछा मैंने-
‘स्कूल नहीं क्यों जाते ?’
भोलू बोला- ‘हम ढाबे पर
करते काम, कमाते।’
भोलू से पूछा मैंने-
‘क्या अनपढ़ बने रहोगे ?’
भोलू बोला- ‘अच्छा, पढ़ने की
तनख्वाह क्या दोगे ?’