भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गीतावली उत्तरकाण्ड पद 11 से 20 तक/पृष्ठ 14

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:40, 12 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

(20)
दीपमालिका

राग आसावरी
साँझ समय रघुबीर-पुरीकी सोभा आजु बनी |
ललित दीपमालिका बिलोकहिं हित करि अवधधनी ||

फटिक-भीत-सिखरन-पर राजति कञ्चन-दीप-अनी |
जनु अहिनाथ मिलन आयो मनि-सोभित सहसफनी ||

प्रति मन्दिर कलसनिपर भ्राजहिं मनिगन दुति अपनी |
मानहुँ प्रगटि बिपुल लोहितपुर पठै दिये अवनी ||

घर घर मङ्गलचार एकरस हरषित रङ्क-गनी |
तुलसिदास कल कीरति गावहिं, जो कलिमल-समनी ||