भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गीतावली उत्तरकाण्ड पद 21 से 30 तक/पृष्ठ 4

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:08, 12 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

(23).अयोध्याका आनन्द

राग केदारा

नगर-रचना सिखनको बिधि तकत बहु बिधिबृन्द |
निपट लागत अगम, ज्यों जलचरहि गमन सुछन्द ||

मुदित पुरलोगनि सराहत निरखि सुखमाकन्द |
जिन्हके सुअलि-चख पियत राम-मुखारबिन्द-मरन्द ||

मध्य ब्योम बिलम्बि चलत दिनेस-उडुगन-चन्द |
रामपुरी बिलोकि तुलसी मिटत सब दुख-द्वन्द ||