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दीप जलता ही रहेगा रात भर / गुलाब खंडेलवाल
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दीप जलता ही रहेगा रात भर
प्यार छलता ही रहेगा रात भर
कोई मन में बीन यादों की लिए
सुर बदलता ही रहेगा रात भर
आयेंगी आँखों में क्या-क्या सूरतें
दिल मचलता ही रहेगा रात भर
एक ही पल तो हमारे प्यार का
वह भी टलता ही रहेगा रहेगा रात भर
चाँदनी चुपके बिदा हो जायेगी
चाँद ढलता ही रहेगा रात भर
कोयलें गायेंगी डालों पर, गुलाब
हाथ मलता ही रहेगा रात भर