भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक कविता लिखना चाहता हूँ / प्रयाग शुक्ल

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:38, 4 जुलाई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रयाग शुक्ल |संग्रह=यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल }} एक कव...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


एक कविता लिखना चाहता हूँ


हो रही है शाम ।

डूबने वाले हैं अंधेरे में पेड़ ।

इमारतों के ओर-छोर ।

घर जाना चाहती हैं चिड़ियाँ ।

एक सन्नाटा है यहाँ ।

खाली पड़ी हैं बगीचे की कुर्सियाँ ।


आ रही हैं घरों से

आवाज़ें मिली-जुली ।


आकाश फ़िर लौट आया है अपने में ।


एक कविता लिखना चाहता हूँ ।