छत के शहतीर
कील बन रहे
आंगन की तुलसी
कांटेदार नागफ़नी
डायनिंग टेबुल पर
चाय के प्याले
कांच-कांच किरकिरे
सांझा चूल्हा पर
रोटियां नहीं
पक रहा है मन
धुएं का वन
है ये मकान
परन्तु घर नहीं।
छत के शहतीर
कील बन रहे
आंगन की तुलसी
कांटेदार नागफ़नी
डायनिंग टेबुल पर
चाय के प्याले
कांच-कांच किरकिरे
सांझा चूल्हा पर
रोटियां नहीं
पक रहा है मन
धुएं का वन
है ये मकान
परन्तु घर नहीं।