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खोयी हुई चीज़ / प्रयाग शुक्ल

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वह खोयी हुई चीज़ नहीं मिलती

दिनों तक कितनी ही चीज़ों में उसकी

झलक आती है अँधेरे में हम उससे मिलती-जुलती

चीज़ को उठाकर तौलने भी लगते हैं ।

घर में रास्ते में बरसों बाद भी कौंध जाती

है वह खोयी हुई चीज़ । और जब चीज़ों के

खोने के बारे में बातें होती हैं,

वही याद आती है सबसे अधिक ।