भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अलविदा और सलाम / भारत यायावर

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:15, 17 जुलाई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत यायावर |संग्रह=हाल-बेहाल / भारत यायावर }} अलविदा! म...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


अलविदा!

मेरे देश की महान गौरवशाली परंपरा

सुख-समृद्धि

मान-सम्मान

नैतिकता-सच्चाई

प्यार-सौहार्द्र-ईमानदारी

अलविदा!


अलविदा बुद्ध

अलविदा कबीर

अलविदा गांधी


अलविदा साहस

अलविदा शौर्य

अलविदा देशभक्ति

अलविदा बन्धुत्व


बढ़ती आबादी

बढ़ती बेरोजगारी

भूख-विपन्नता महामारी

सलाम!


भ्रष्टाचार-पतनशीलता

लूट बलात्कार

दंगे-मारकाट

अन्याय-अनाचार

पाप-दुराचार

भोग-वासना

स्वार्थ की साधना

सलाम!


हे भूमण्डलीकरण

हे डंकन-गेट

हे बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ

हे नव साम्राज्यवाद

हे आतंकवाद

हे परमाणु बम

हे हिरोशिमा-नागासाकी

हे अमेरिका, हे ब्रिटेन

हे डालर, हे पाउन्ड

सलाम


हे दल

दल में दल

दल-दल

हे भ्रष्टतंत्र के छल

हे चोरों की बारात

चारों ओर काली रात

सलाम!


(रचनाकाल : 1999)