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घर के फूल / रमेश तैलंग

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बाग़ के फूल-
गुलाब, जूही
हम हैं घर के फूल ।

गूँजे हमारी जब किलकारी
ख़ुशियाँ हम पर जाएँ वारी
दुखड़े जाएँ ।
जग के भूल
हम हैं घर के फूल ।

हम न चाहें जहान की दौलत
बस, थोड़ा सा प्यार मोहब्बत
मिल जाए तो
कर लें कबूल
हम हैं घर के फूल ।