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बच्चों की दुनिया में / रमेश तैलंग
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न कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती चले ।
बच्चों की दुनिया में मस्ती चले ।
सुन लो जी, सुन लो जी
बात ये हमारी
डाँट-डपट सब की सब
बच्चों से हारी
बच्चों पर बच्चों की मरज़ी चले ।
न कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती चले ।
आँखें दिखाना न
रौब अब दिखाना
न ही झूठी-मूठी
धौंस अब जमाना
डंडा चले न जी, धमकी चले ।
प्यार भरी मीठी पप्पी चले ।