भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बदलता रहता है पानी / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:57, 16 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=बारिश में खंडहर / नंदकि…)
गूँजे नहीं हैं न आवेग
खामोश कुण्ड में आ
मिलती है
पतली-सी धारा
कुछ देर ठहर कर
चट्टानों के बीच
सरक जाती है।
चुपचाप
बदलता रहता है पानी।
(1985)