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गाता है प्रभु- 1 / राजेन्द्र जोशी

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सड़क एक
पहाड़ एक
वादियां - दर - वादियां
रूप अनेक
कहीं धूप
कहीं छाँव
कहीं सर्दी
कहीं बूंदा - बांदी
कही वर्षा
कहीं बर्फबारी !
नजर एवं
नजारें अनेक है !
प्रकृति की ऐसी महिमा
देख
गौरव गाथा
गाता है प्रभु
मेरे साथ !