गोपालदास "नीरज" की कविताएं
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- कारँवा गुज़र गया / गोपालदास "नीरज"
- छिप-छिप अश्रु बहाने वालों / गोपालदास "नीरज"
- पीर मेरी, प्यार बन जा ! / गोपालदास "नीरज"
- धरा को उठाओ, गगन को झुकाओ / गोपालदास "नीरज"
- अंधियार ढल कर ही रहेगा / गोपालदास "नीरज"
- मेरा गीत दिया बन जाए / गोपालदास "नीरज"
- तिमिर ढलेगा / गोपालदास "नीरज"
- तुम दीवाली बन कर / गोपालदास "नीरज"