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ईश्वर हो जाऊँगा / विमलेश त्रिपाठी
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शब्दों में ही खोजूँगा
और पाऊँगा तुम्हें
वर्ण-वर्ण जोड़कर गढूँगा
बिल्कुल तुम्हारे जितना सुन्दर
एक शब्द
और आत्मा की सम्पूर्ण शक्ति भर
पूँफक दूँगा निश्छल प्राण
जीवन्त कर तुम्हें कवि हो जाऊँगा
कि ईश्वर हो जाऊँगा