भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खोजता रहता है आकाश / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:36, 5 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=केवल एक प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
एक आकाश
साथ ले आती है अपने
उड़ान
आ ठहरती है
किसी शाख़ पर जब
तिनका-तिनका बुनती
अपनी धरती
हर आकाश खोजता रहता है
जिस को
दुनिया में उस की
खो जाने के लिए ।
—
25 जुलाई 2009