भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

देवी गीत-सेरों पे होके सवार महरानी / अवधी

Kavita Kosh से
रचना पाण्डेय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:58, 16 जनवरी 2012 का अवतरण (''''सेरों पे होके सवार महरानी<br> मेरे घरवा आइन महरानी<br> ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सेरों पे होके सवार महरानी
मेरे घरवा आइन महरानी
निबिया के तरे तरे आयीं महरानी
अब निबिया झपसन लाग महरानी
अमवा के तरे तरे आइन महरानी
अब अमवा बौरन लाग महरानी
तलवा के तीरे तीरे आयीं महरानी
अब तलवा लहरान लाग महरानी
महलों के तरे तरे आयीं महरानी
अब रानिय गर्भन लाग महरानी
-०-