भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रद्द-ए-अमल / साहिर लुधियानवी

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:29, 1 फ़रवरी 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज



चंद कलियां निशात की चुनकर

मुद्दतों महवे यास रहता हूं

तेरा मिलना खुशी की बात सही

तुझ से मिलकर उदास रहता हूं