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रेलगाड़ी में (2) / मदन गोपाल लढ़ा
आशिष पुरोहित
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एक दूसरे से
सटकर बैठे हैं
यात्री
रेलगाड़ी में
मगर उनके बीच के
फासले को
कोई गाड़ी
तय नहीं कर सकती।