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होना चाहता हूँ जल.. / मदन गोपाल लढ़ा
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रोने का मतलब
सौंप देना है
अपनी पीड़ाएँ
जल को
धोने का मतलब
छोड़ देना है
अंतस की कलुषता को
जल में
देने का मतलब
जल ही तो गढ़ता है
कंठों से लेकर
धरती-आकाश तक
समर्पित कर स्वयं को
तर कर देता है।
जल ही तो है
जीवन का हेतु
जो गिरता है पहाड़ से
बहता है नदी में
धरती के पौर-पौर में समाकर
हरीतिमा बनकर फूटता है।
होना चाहता हूँ जल
भूखे पेट
आकुल निगाहों
और
व्याकुल आत्मा को
तृप्त करने ।