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अंतस में बसा है / मदन गोपाल लढ़ा

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तोप के गोलों से
धराशाई हो गई छतें
घुटनें टेक दिए दीवारों ने
जमींदोज हो गए
जल-कुण्ड
खंडहर में बदल गया
समूचा गाँव
मगर यहाँ से कोसों दूर
ऐसे लोग भी हैं
जिनके अंतस में
आज भी आबाद है
वही
भरा-पूरा गाँव।