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जिन्दगी के शेष दिन / कमलेश्वर साहू
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उसने
एक बेहद खूबसूरत लड़की से प्रेम किया
जिया एक अच्छा प्रेमी बनकर
अपनी जवानी के स्वर्णिम दिन गुजारे
उसने
परिवार की मर्जी से
एक सुन्दर लड़की से विवाह किया
रहा अच्छा पति बनकर
किया पति का फर्ज अदा
दहेज के पैसे से बनवाया मकान
अपनी जिन्दगी के अच्छे दिन बिताए
प्रेमिका अच्छी थी या पत्नी
प्रेम के दिन अच्छे थे
या विवाह के बाद के दिन
उसकी जिन्दगी के शेष दिन
यही तय करने में बीत रहे हैं !