भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पत्र / सुरजीत पातर

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:48, 10 जुलाई 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=सुरजीत पातर |संग्रह= }} [[Category:पंजा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: सुरजीत पातर  » पत्र

पत्र

उसे पत्र भेजते रहों मोह से भरे
वरना गैरों की नगरी में
शाख नंगी हो जाएगी
अनुवाद: चमन लाल