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ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे / राजस्थानी

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ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे, काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे ,काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....


साठ कळी रो घाघरो जी, कळी कळी में घेर

पैर बिचारा निसरे रुपया रो हो गयो ढेर ....

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....


म्हे ढोला थाने घणी कही जी भक्तन के मत जाई ,

टको लगावे गाँठ को जीरो लगाकर आई ,

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....


म्हे ढोला थाने घणी कही जी परदेसां मत जाये ,

परदेसां की नारियां में मत न प्रीत लगाए ,

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....


जयपुर के बाज़ार में, पड्यो पेमली बोर,

नीची हुर उठावन लागी, पड्यो कमर में जोर ,

ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे

ओ ढोला .....