भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुखी लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:58, 23 अगस्त 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालित्य ललित |संग्रह=चूल्हा उदास ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


पूंजीपति लोग
पूंजी को पूजते हैं
शोषण करते हैं
ढोंग रचते हैं
धर्मशाला बनवाते हैं
रक्त शिविर लगवाते हैं
धर्मार्थी बनते हैं
टैक्स चोरी करते हैं
प्रभु उनका सहयोगी है
उनको दोनों हाथ से देता है
तभी तो
कार में वह सवार है
सुखी आदमी ।