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वंदन मेरे देश / चंद्रसेन विराट

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वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश
पूजन,अर्चन,आराधन,अभिनन्दन मेरे देश

तुझसे पाई माँ की ममता
और पिता का प्यार
तेरे अन्न,हवा,पानी से
देह हुई तैयार
तेरी मिट्टी-मिट्टी कब है, चंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .

भिन्न-भिन्न भाषाएँ , भूषा
यद्यपि धर्म अनेक
किन्तु सभी भारतवासी हैं
और हृदय है एक
तुझ पर बलि है ,हृदय –हृदय का स्पंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .

पर्वत, सागर, नदियाँ
ऐसा दृश्य कहाँ ,
स्वर्ग अगर है कहीं धरा पर
तो है सिर्फ यहाँ
तू ही दुनियाँ की धरती का वंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .