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आयु बनी प्रस्तावना / गुलाब खंडेलवाल
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आयु बनी प्रस्तावना
रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | गीत |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
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- मेरे मन में कोई राधा बेसुध तान लिए बैठी है / गुलाब खंडेलवाल
- तुमने जो कुछ दिया प्राण के साथ सहेज सुहावना / गुलाब खंडेलवाल
- मेरा वश क्या टूट रही अभिव्यक्ति में! / गुलाब खंडेलवाल
- ऐसी लगन लगी प्राणों में, पीड़ा ही गलहार बन गयी / गुलाब खंडेलवाल
- इतनी उलझन क्यों आनन पर, मुझको आधा ही मन दे दो / गुलाब खंडेलवाल
- जी करता है आँखें मूँदूँ / गुलाब खंडेलवाल
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