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सब मजहब सब इल्म / नागरीदास

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सब मजहब सब इल्म अरु सबै ऐश के स्वाद.
अरे इश्क के असर बिनु ये सबही बरबाद .
आया इश्क लपेट में लागी चश्म चपेट.
सोई आया खलक में,और भरे सब पेट.