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गंगा की लहर / हरिवंशराय बच्चन

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गंगा की लहर अमर है,
          गंगा की.
          
          धन्य भगीरथ
          के तप का पथ.
गगन कँपा थरथर है.
          गंगा की,
गंगा की लहर अम्र है.

          नभ से उतरी
          पावन पुतरी,
दृढ शिव-जूट जकड़ है.
          गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.