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पाँयनि नूपुर मंजू बजै / देव
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पाँयनि नूपुर मंजू बजै,कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई.
सांवरे अंग लसै पट पीत,हिय हुलसै बनमाल सुहाई .
माथे किरीट बड़े दृग चंचल,मंद हँसी मुख चन्द जुन्हाई.
जै जग-मंदिर-दीपक सुंदर,श्रीबजदूलह 'देव'सहाई .