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मीनागढ़ बंबई सुमंद मंदराज बंग / पद्माकर
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मीनागढ़ बंबई सुमंद मंदराज बंग,
बंदर को बंद करि बंदर बसावैयो.
कहै पद्माकर कसकि कासमीर हू को,
पिंजर सों घेरि के कलिंजर छुड़ावैगो.
बाँका नृप दौलत अलीजा महाराज कबौं,
सजि दल पकरि फिरंगिन दबावैगो.
दिल्ली दहपट्टि,पटना हू को झपटि करि,
कबहुँक लत्ता कलकत्ता को उड़ावैगो.