भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बेटी ने कलम उठाई तो / सत्यनारायण सोनी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:05, 22 अक्टूबर 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
उम्रभर लिखता रहा वह
प्रेम-पत्र व प्रेम-कविताएँ,

बेटी ने क़लम उठाई तो
घर में बवाल हो गया ।