भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मोसे नैना मिलाइके / अमीर खुसरो

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:47, 26 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमीर खुसरो |संग्रह= }} Category:कविता <poeM...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
प्रेम भटी का मदवा पिलाइके
मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके
गोरी गोरी बईयाँ, हरी हरी चूड़ियाँ
बईयाँ पकड़ धर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके
बल बल जाऊं मैं तोरे रंग रजव
अपनी सी रंग दीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके
ख़ुसरो निजाम के बल बल जाए
मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके॥