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जूही की कली मेरी लाडली / शैलेन्द्र

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जूही की कली मेरी लाडली
नाज़ों की पली मेरी लाडली
ओ आस-किरन जुग-जुग तू जीए
नन्ही सी परी मेरी लाडली, ओ मेरी लाडली

धरती पे उतर आया चँदा तेरा चहरा बना
चम्पी का सलौना गुलदस्ता तन तेरा बना, ओ मेरी लाडली
कोमल तितली मेरी लाडली
हीरे की कनी मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...

शर्माए दीवाली तारों की तेरे नैनों से
कोयल ने चुराई है पंचम तेरे बैनों से, ओ मेरी लाडली
गुड़िया सी ढली मेरी लाडली
मोहे लागे भली मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...

हर बोल तेरा सिखलाए हमें दुख से लड़ना
मुस्कान तेरी कहती है सदा धीरज धरना, ओ मेरी लाडली
गंगा की लहर मेरी लाडली
चंचल सागर मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...