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जो पदाक्रान्त हुए / इन्द्रदेव भोला

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जंजीरों में जकड़े
जो पाअक्रान्त हुए
इतिहास तो लिख न सके
पर ऐतिहासिक वे हो गए
आहों को मुस्कानों में छुपाकर
प्रफुल्लता को म्लान चेहरों पर खिलाकर
दर्द भरे इतिहास के भोगतओं ने
गैरों को जीवन जीने की उम्मीदें दीं
हताश हुए लोगों को
चेतना, सहनशीलता की प्रेरणा दी
देश के नव निर्माण में
पीछे न हटने की उत्तेजना दी
श्रम-निष्ठा, क्षमता परिपुष्ट की
वे पदाक्रान्त तो हुए
पर घुटने न टेके ।
तदि पदाक्रान्त हुए वे मुकर जाते
तो देश का स्वर्णिम इतिहास
लिखा जाता
मुक इतिहास के अंधेरे में
वे गुम हो जाते
कार्य उनका ऐतिहासिक न होता
मर कर वे अमर न होते ।