भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
धरती / संगीता गुप्ता
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:07, 9 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता गुप्ता |संग्रह=इस पार उस प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
धरती
मुझे देर तक
सह नहीं पाती
जब भी रोंपती हूँ जड़ें
अज्ञात दिशाओं से उमड़ते
आँधी - तुफान
आजमाने लगते हैं मुझे
असमाप्त चुनौती है
प्रतिकूलताओं से जूझता
मेरा अस्तित्व