Last modified on 2 जनवरी 2013, at 02:52

पुकार / कुमार अनुपम

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:52, 2 जनवरी 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार अनुपम |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> मे...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरे भीतर इन दिनों जो उमग रही है पुकार
आऊँगा
इसी के सहारे आऊँगा
और कहूँगा एक दिन
चलो साँसें उलझाएँ...