Last modified on 23 मार्च 2013, at 13:04

वक्त का अकबर / अनीता कपूर

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:04, 23 मार्च 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनीता कपूर }} {{KKCatKavita}} <poem> नहीं सुन पात...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नहीं सुन पाती अब
तेरी खामोशियों की दीवारों पर
लिखे शब्द
चुनवा दिया है
मेरे अहसाहों को
वक्त के अकबर ने
नज़रों की ईंटों से
और मैं
एक और अनारकली
बन गयी हूँ मैं