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सीता राम सुमर लेवो / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

    सीता राम सुमर लेवो,
    आरे तजी देवो सब काम

(१) सपना की संपत भई,
    आरे बाध्यो जगराज
    भोर भई उठ जागीयाँ
    आरे जीनका कोण हवाल...
    सीता हो राम...

(२) बिगर पंख को सोरटो,
    आरे उड़ी चलीयो रे आकाश
    रंग रुप वो को कछु नही
    आरे वोक भुख नी प्यास...
    सीता हो राम...

(३) वायो सोनो नही निपजे,
    आरे मोती लग्या रे डाल
    भाग बिना रे मोती ना मीले
    तपस्या बीन राज...
    सीता हो राम...

(४) राजा दशरथ की हो अयोध्या,
    आरे सिर जाया रघुबीरा
    माता हो जीनकी कोशल्याँ
    आरे लक्ष्मण बलवीरा...
    सीता हो राम...

(५) अनहद बाजा हो बाजीया,
    आरे सतगुरु दरबार
    सेन भगत जा की बिनती
    राखो चरण आधार...
    सीता हो राम...