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जंघिया चढाय बाबा बैठल मंडप पर / मैथिलि
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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जंघिया चढाय बाबा बैठल मंडप पर आहे बाबा करू न धिया दान हे- 2 गुरु ओ वशिष्ठ मुनि मन्त्र पढ़ाओल मंत्र पढ़ये श्री राम हे वर हाथ तर करू कन्या हाथ ऊपर ताहि में शोभित बीड़ा पान हे
सुसुकी-सुसुकी रोवे माता सुनैना, आजू धिया होयत बिरान हे चुपे रहू चापे रहू माता सुनैना इहे छई जगत व्यवहार हे.