भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कामवाली / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:15, 12 मई 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालित्य ललित |संग्रह=समझदार किसि...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
आज की कामवाली
ज्यादा आधुनिक है
इलाके-इलाके का फर्क है
सिनेमा - पी वी आर का
भेद समझती है
लेटेस्ट मोबाइल रखती है
‘साब’ लोगों को खूब -
बनाती है
मेमसाब की नजरों से
जब चाहो
‘साब’ को चुरा लेती है
और
इन धनाढ्य साहबों को अपना चुराना
इन दिनों खूब भा रहा है