भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ख़ुदा की नज़रों में / वेरा पावलोवा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:28, 16 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वेरा पावलोवा |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ख़ुदा की नज़रों में
बढ़िया था यह

और आदम की निग़ाहों में
यह था बहुत शानदार

हव्वा की नज़रों में
था यह कामचलाऊ

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल