भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नया फोटो / मनोज कुमार झा
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:07, 26 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मनोज कुमार झा }} {{KKCatKavita}} <poem> सबसे पुरा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
सबसे पुराना फोटो महज आठ साल पुराना है
उस साल बढ़ आई थी और पिता पंजाब गए थे
माँ खाना बनाकर उठी और बोल उठी
आज स्टूडियो जाना है पहली बार
क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ कुछ नहीं मालूम
बहुत सी स्त्रियाँ थीं और बहुत से हम बच्चे
वहीं एक फोटो है पास जिसके माथे पर पिता का भय है
और यात्रा की थकान
लगता है कि मैं गधा अभी ऊस का बोरा पटक डाला
घाट से पहले
और आता ही होगा मालिक लाठी लिए
प्रिये! तुम ही खींच सकतीं वो तस्वीर
जिसमें मैं पेड़ से अभी अभी गिरा ताजा पपीता
और डंठल से चू रहा अभी तक दूध।