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पेड़ / रंजना जायसवाल

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कड़ी धूप में तपते हुए भी
अपनी कद-भर छाया
ओढ़ा रहे हैं धरती को
जुड़ा रही है धरती
देखकर पुत्रों का प्रेम
उमड़ रहा है स्तनों में दूध
सींच रही है जिससे
अपनी कोख में फैली
उनकी जड़ों को
पाकर जिनसे शक्ति
लड़ लेते हैं पेड़
हर आपदा से
कैसा अद्भुत होता है
माँ-पुत्र का रिश्ता|