Last modified on 5 अगस्त 2013, at 18:59

ब्रह्म के आनन तें निकसे / भूषण

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:59, 5 अगस्त 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ब्रह्म के आनन तें निकसे अत्यंत पुनीत तिहूँ पुर मानी .
राम युधिष्ठिर के बरने बलमीकहु व्यास के अंग सोहानी.
भूषण यों कलि के कविराजन राजन के गुन गाय नसानी.
पुन्य चरित्र सिवा सरजे सर न्हाय पवित्र भई पुनि बानी .