भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार / भूषण
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:05, 5 अगस्त 2013 का अवतरण
तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार ,
कहिबे को सेसनाग दिननाग हिमाचल है .
तरो अवतार जम पोसन करन हार,
कछु करतार को न तो मधि अम्ल है .
सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है .
तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु ,
काज होत काल बदनाम धरातल है.