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इन्द्र भगवान / पाण्डेय कपिल

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जनमे लेत आदमी सभ में तुरते जे अगुआ हो गइल,
अपना बूता से सभ देवता के अपना कब्जा में कइल,
जेकरा सांसे भर लेला से सरग आ धरती अलग भइल,
जे बल वाला बहुत बड़ा बा, उहे इन्द्र भगवान ए, लोगे।
बहुत पसीजल धरती के थक्का आ ठोस बना दीहल जे
उड़त चलत परबत टील्हा के एक जगह बइठा दीहल जे
आसमान जे बड़हन कइल, आसमान के नाप लिहल जे,
जे आधार सरग के दीहल, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
अहि के जान मार सातों नदियन के जे आजाद बनावल,
बल राछस के मारे खतिर जे गइयन के हाँक भगावल,
दूगो पत्थल के टुकड़ा के बीचे से आग जरावल,
जे बड़का खूनी जोधा ह, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
जे यह दुनिया के गति दे के हीले डोले लायक कईल
होके बन्द गुफा में राक्षस सभ जेकरा से मारल कईल,
दुश्मन के लाखों-लाखों के धन जेकरा से हड़पल गईल,
जीते वाला जे दुश्मन के, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे।
जेकरा बारे में दुश्मन उर के पूछेले-”काहाँ बाड़े”
फेर घबड़ा-घबड़ा के ऊ सभ बोलेले-”उ नाहीं बाड़े।”
जे जुआड़ी जस दुश्मन के धन हर लेले ठाढ़े ठाढ़े,
मानऽ मानऽ एक बतिया के, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे।
धनिक होय चाहे निरधन-सभका के उहे बढ़न्ती देले,
गावे वाला भा भिखार ब्राह्मन के उहे बढ़न्ती देले,
ओकरा के देले बए़ती जे उनका खातिर सोम घोंटेले,
सभ केहू के मद्द करे जे, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
सभ घोड़न के सभ गइयन के अपना कब्जा में जे कईल,
रथगाड़ी आ गाँ-ओंव सभ जेकरा कब्जा में हो गईल,
जेकरा से सूरुज आ ऊषा के बेरा जनम भईल,
जे पानी के मालिक हउए, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
टकरा के गरजत दूनू सेना जेकर गोहार मचावे,
अपना-अपना खातिर दूनू दुश्मन से जे न्योता पावे,
एके हाली अलग-अलग जेह के जोधा रथवान बोलावे,
एके रथ पर चए़ल दूनू उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
जेकरा बीना केहू अदिमी कबही नाहीं जीत सकेला,
जोधा सभ जेकरा किरपा खातिर जेकर गोहार करेला,
तनिक न डीगे बाला के भी जे पानी-पानी कर देला,
एक दुनिया से बढ़ल-चढ़ल जे, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे।
जे अपराधी ओकरा के ऊ कबहीं नाहीं देख सकेला,
जे अपराधी लोगन के अपना बज्जर से बध कर देला,
जे ओकरा के दीकदिकावे ओकरा के ना माफी देला,
जे दुश्मन के हत्या करे, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
चालिस बरिस तलक परबत के खोहा में जे रहे लुकाइल
ओइसन शम्बर राछस के भी पता ठेकाना जेपा गइल,
बहुत बली शैतान दुष्ट अहि राछस के भी जे बध कइल,
सुतल रहे मैया-गोदी जब; उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
बैला जस बरियार बढ़ा जे, सात तेज से चमके वाला,
सातों नदियन के बहे खातिर आजाद बनावे वाला,
जेकरा हाथे बज्जर बाटे, जे रोहिणी के मारेवाला,
सरगो पर जे करे चढ़ाई, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
धरती-सरग हमेसा जेकरा के सरधा से सीस नबावे,
जेकरा साँस भर लेला से परवत जेकरा से भय खाए,
जे हउअन मशहूर पियकड़, खूब सोम रोजे ढरकावे,
बज्जर जेकरा हाथे रहेला, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
सोम जऽग आ पाक जऽग करे वाला के मदद करे जे,
पढि़-पढि़ वेद सुजश आपन गावे वाला के मद्द करे जे,
सोम अऊर सींझल भोजन देबे बाला पर खुश होखे जे,
जेकरा मिनती बड़ा सोहाला, उहे इन्द्र भगवान, ए लोगे!
सोम जऽग आ पाक जऽग करे वाला के मददगार जे,
जे सोभाव से सच्चा अपना, धन देवे वाला, उदार जे,
उहे तू भगवान इन्द्र हे! तोहरा उसके बा बिहार जे,
ओकरा के संतान सहित हम गावत बानी तोहरा जोगे॥

(ऋगवेद मं. 2, सूक्त 12 के अनुवाद)