भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आब जल्दी करू कन्यादान यौ
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:10, 22 सितम्बर 2013 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
मचीया उतरि बाबा मन्डप चढ़ी बैसल आब जल्दी करू कन्यादान यौ
सुस्की-सुसकी रोवे माता सुनैना आब धीया होयति वीरान यौ
जनि कानू जनि खिजू माता सुनैना आब धीया जयति सासुर यौ
किये जानी अम्मा गोद में राखल, किये जानी केलौ प्रतिपाल यौ
बेटा जानी आगे बेटी गोद में राखल, मुंह देखि केलौ दुलार यौ
नाम लेल आगे बेटी पोखरी खोनाउल,धर्म लेल करइ छी कन्यादान यौ
यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से ली गयी है.
अमितेश