भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मिथिला सहरिया के पतरी तिरियवा / महेन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:12, 11 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मिथिला सहरिया के पतरी तिरियवा हाय रे सँवरिया लाल।
राखेली नयनवाँ में लोभाय हाय रे संवरिया लाल।
बेगि देखि अइहो राम मिथिला सहरिया हाय रे सँवरिया लाल।
जिया नाहीं माने ला हमार हाय रे सँवरिया लाल।
तोहरो उमिरिया राम थोड़हि दिनन के हाय रे सँवरिया लाल।
लागी जइहें नयना के कटार हायरे सँवरिया लाल।
निरखे महेन्द्र नारी जिया हरिलीहें हाय रे सँवरिया लाल।
ऊ त चलते बटेहिया बिलमाय हाय रे सँवरिया लाल।