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पिया मोरा गइलें रामा पूरबी बनिजिया / महेन्द्र मिश्र
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पिया मोरा गइलें रामा पूरबी बनिजिया से दे के गइलें ना।
एगो सुगना खेलवना रामा से दे के गइलें ना।
उड़ल-उड़ल सुगना गइलें कलकतवा कि जाई के बइठे ना।
ओही सामी जी के पगिया रामा से जाई के बइठे ना।
पगड़ी उतारी सामी जांघे बइठवलें से कहऽ सुगना ना।
मोरा धनी के कुसलिया से कहऽ सुगना ना।
माई कइली कूटनी बहिनिया कइली पीसनी कि जइया कइली ना।
तोहरो दउरी-दोकनिया से जइया कइली ना।
कहत महेन्दर पिया भइलऽ कलकतिया से भूलिए गइलेऽ ना।
आपना जइया के सुरतिया रामा भूलिए गइले ना।