भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खोज - 1 / शशि सहगल
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:09, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण (Lalit Kumar moved page खोज / शशि सहगल to खोज - 1 / शशि सहगल)
मुझे तलाश है
एक सिर की,
देखिये मेरी बात सुनकर हँसिये नहीं
हँसना है/तो हँस लीजिये
जी हाँ
सिर ही कहा है मैंने
ऐसा सिर
जो सोच सकता हो
ऐसा सिर
जो खड़ा रह सकता हो
अगणित प्रलोभनों के खिलाफ
ऐसा सिर
जो आदमी की पहचान
खेमों से न करता हो।
ऐसा सिर
जो दीवार पर लिखी इबारत
पहचानता हो
ऐसा सिर
ऐसा सिर
ऐसा सिर
कहाँ हे ऐसा सिर?